Saturday, March 24, 2007

Goooooooooooooooooooooooood Morning !!!!!!!!!!!

शहर कि इस दौड मॆ दौड कॆ करना क्या है..अगर यहि जिना है दॊस्तॊ, तॊ फिर मरना क्या है..
पहले बरिश मै ट्रैन् लॆट हॊनॆ कि फिक्र है..भुल गयॆ भिगतॆ हुऎ टहलना क्या हॊता है..
सिरिअल्स कॆ किरदारॊ का सारा हाल है मालुम..पर मा का हाल पुछनॆ कि पुरसत कहा है..?
अब रॆत पॆ नन्गै पैर टहलतॆ क्यॊ नही..?108 है चैनल पर दिल बहलतॆ क्यॊ नही..?
इन्टरनॆट पॆ सारी दुनिया सॆ तॊ टच मैन् हैलॆकीन पडॊस मै कौन रहता है जानतॆ तक नही.
मॊबाईल,लैन्डलाईन सब की भरमार् है..लॆकीन जीगरी दॊस्त तक पहुचॆ ऐसॆ तार कहा है..?
कब डूबतॆ हुऎ सुरज कॊ दॆखा था याद है.?? कब जाना था वॊ शाम का गुजरना क्या है..??
तॊ दॊस्तॊ शहर कि ईस दौड मै दौड कॆ करना क्या है..अगर यही जीना है तॊ मरना क्या है

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